Opinion: पीएम मोदी के शब्दकोष में नहीं है शब्द ‘थकान’

24 फरवरी का दिन है. सुबह पीएम मोदी की दिनचर्या 10 बजे शुरू हुई और बजट पर चल रहे वेबिनार को संबोधित करके, और जरूरी बैठकें कर पीएम मोदी निकल पड़े उत्तर प्रदेश, जहां बीजेपी मोदी-योगी के नाम पर फिर से सत्ता पर काबिज होने की तैयारी में है. पहली रैली की अमेठी में- गरीबों, महिलाओं, किसानों के लिए सरकार के किए गए कामों का लेखा जोखा दिया और सभा में उपस्थित भीड़ के सामने रखा. फिर करीब घंटे भर बाद उनकी उड़ान अमेठी से निकल कर प्रयागराज में उतरी. दोनों रैली स्थलों पर उमड़ी भीड़ से साफ हो गया था कि आम जनता का उनपर भरोसा है और उनकी विश्वसनीयता बरकरार है. प्रयागराज से पीएम मोदी का काफिला शाम दिल्ली पहुंचा तो सूर्यास्त हो चुका था, लेकिन पीएम के लिए दिन अभी खत्म नहीं हुआ था.

देर शाम हो चुकी थी, लेकिन पीएम मोदी के लिए आराम का समय अभी नहीं आया था. चिंता है यूक्रेन की. वहां फंसे भारतीयों छात्रों और लोगों की. ऊपर से भारतीयों के हितों का भी ख्याल रखना है. इसलिए उत्तर प्रदेश से लौटने के तुरंत बाद पीएम मोदी ने एक उच्च स्तरीय बैठक बुला ली. मोदी कैबिनेट के शीर्ष मंत्रियों समेत, तमाम आला अधिकारी बैठक में मौजूद रहे और फिर देर रात रूस के राष्ट्रपति पुतिन से फोन पर बात की. मैं ये नहीं बताने जा रहा कि बैठक में क्या हुआ या फिर रैली में क्या हुआ या फिर सीसीएस की बैठक में क्या निकला. दरअसल 24 फरवरी की दिनचर्या बताने का मकसद ये है कि पीएम मोदी काम में किस हद तक व्यस्त रहते हैं. आज 25 फरवरी को जब मैं लिखने बैठा हूं तो पीएम मोदी सुबह बजट को लेकर एक वेबिनार को संबोधित कर चुके हैं. संगठन का काम हो या फिर गवर्नेंस का- पीएम मोदी का पूरा दिन और ध्यान हर पल सिस्टम को बेहतर और मजबूत करने पर ही होता है.